दसवीं कक्षा कोशिश करनेवालों की हार नहीं होती हिंदी नोट्स प्रश्न उत्तर,10th Standard Koshish Karne Walon Ki Haar Nahi Hoti Poem Notes Summery Kseeb Solution For Class 10 Hindi Chapter 17 Notes in Kannada Medium SSLC Hindi Chapter 17 Notes Pdf Mcq 10th Class Koshish Karne Walon ki Poem in Hindi
पाठ – 17. कोशिश करनेवालों की हार नहीं होती
कवि का नाम : सोहनलाल द्विवेदी
एक वाक्य में उत्तर लिखिए ।
उत्तर: जन्म – 23 जनवरी सन् 1906 में हुआ, और मृत्यु – सन् 1988 में हुई।
उत्तर: सन् 1938 से सन् 1942 तक ‘ दैनिक अधिकार पत्रिका के संपादक थे।
उत्तर: सोहनलाल द्विवेदी जी ने अवैतिक ( बिना वेतन) से ‘बाल सखा’ पत्रिका का संपादन किया।
उत्तर: सोहनलाल द्विवेदी जी महात्मा गाँधीजी से अत्यधिक प्रभावित थे ।
उत्तर : सोहनलाल द्विवेदी जी को ‘राष्ट्रकवि’ नामक उपाधि से अलंकृत किया गया है।
उत्तर: भैरवी, वासवदत्ता, कुणाल, पूजागीत, विषपान, युग्धारा, जय गाँधी आदी
उत्तर:बाल भारती, शिशु भारती, बिगुल, बासुरी, नेहरू चाचा आदी हैं।
उत्तर: लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती।
उत्तर : कोशिश करनेवालों की हार नहीं होती है ।
उत्तर: चींटी, दाना लेकर चलती है।
उत्तर: चींटी दीवार पर चढ़ती है।
उत्तर : कोशिश करनेवालों की मेहनत बेकार नहीं होती।
उत्तर: गोताखोर सागर में डुबकियों लगाता है।
उत्तर: मोती सागर के गहरे पानी में मिलता है
उत्तर: कोशिश करने वालों की मुट्ठी खाली नहीं होती है।
उत्तर : संघर्ष का मैदान छोड़कर भागना नहीं चाहिए।
उत्तर: कुछ किये बिना ही जय जयकार नहीं होती है ।
दो-तीन वाक्यों में उत्तर लिखिए।
1. चींटी के बारे में कवि क्या कहते हैं ?
उत्तर: कवि सोहनलाल द्विवेदी चींटी के बारे में कहते है कि, नन्हीं चींटी दाना ले जाते समय दीवारों पर चढ़ती और सौ बार पिसलती (गिरती ) है। फिर भी मन का विश्वास नहीं छोड़ती, नहीं डरती कोशिश करता है। अंत में चींटी दिवार पर चढ़कर यश पाता है।
2. गोताखोर के बारे में कवि के विचार क्या हैं ?
उत्त्र: गोताखोर सागर में कई बार डूबकर खाली हाथ वापस लौट आता है। सहज पानी में मोती नहीं मिलते है, उसके लिए गहरे पानी में जाना पडता है। इससे उसकी उत्साह दुगना बढ़ता रहता है। अंत में उसकी हाथ खाली नहीं रहती है।
3. असफलता से सफलता की ओर जाने के बारे में कवि क्या संदेश देते है ?
- उत्तर : असफलता एक चुनौती है, हमें इसे स्वीकार करना चाहिए ।
- असफलता का कारण पहचानकर गलतियों को सुधारना चाहिए।
- जब तक हम हमारे काम में सफल नहीं होते तब तक नींद और चैन को त्याग देना चाहिए।
- संघर्ष का मैदान छोड़कर हम भागना नहीं चाहिए। .
- हम कुछ किये बिना हमारी जय जयकार नहीं होती है।
- असफलता से सफलता की ओर जाने के बारे में कवि संदेश देते हुए कहते है
उदाहरण के अनुसार तुकांत शब्दों को पहचानकर लिखिए :
उदाः पार – हार
- चलती – ________
- भरता – __________
- लगाता – _________
- बार – __________
- स्वीकार – __________
उत्तरः
- फिसलती;
- अखरता;
- आता;
- हार;
- सुधार।
भावार्थ लिखिए :
नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है,
चढ़ती दीवारों पर सौ बार फिसलती है।
मन का विश्वास रगों में साहस भरता है,
चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना न अखरता है।
आखिर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती,
कोशिश करनेवालों की कभी हार नहीं होती।
उत्तर:
लगातार प्रयत्न करने से सफलता निश्चित मिलती है। असफलता से घबराना नहीं चाहिए। जैसे चींटी जब दाना लेकर दीवार पर चढ़ती है तो कई बार फिसलकर गिरती है। लेकिन वह दीवार पर चढ़ने का प्रयत्न जारी रखती है। अपना आत्मविश्वास नहीं खोती। ऐसे में असफलताएँ निराश नहीं करती है। और अंत में मेहनत का फल मिलता है। क्योंकि कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं हो सकती। असफलता के बाद सफलता जरूर मिलती है।
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